12 Jul 2008

पूर्णविराम का प्रयोग करें, फुलस्टॉप का नहीं

Use PurnaViram not Fullstop
पूर्णविराम का प्रयोग करें, फुलस्टॉप का नहीं

अखबारों (बीबीसी, टाइम्स ग्रूप, सरिता-मुक्ता ग्रूप आदि) में पूर्णविराम की जगह Fullstop का प्रयोग सिर्फ सुविधा और शीघ्रता की दृष्टि से किया जाता है। क्योंकि कीबोर्ड लेआऊट में fullstop सामान्य की से टाइप हो जाता है, किन्तु पूर्णविराम के लिए शिफ्ट की दबाए रखकर टाइप करना पड़ता है (inscript में)। जिससे अतिरिक्त भार पड़ता है और कुछ मिलिसेकेण्ड की टंकण गति कम होती है।

किन्तु Advanced कम्प्यूटिंग यथा NLP के प्रयोगों में यह गलत है और अनेकानेक भयंकर समस्याओं को जन्म देता है---

यथा--
एक वाक्य का उदाहरण लें-

"Mr. A.B.Strong has paid a sum of Rs.5,678.50 by online payment through hdfcbank.com.”

यहाँ dot (.) का प्रयोग अनेक अर्थों में हुआ है

"Mr. A. (abbreviation) B. (abbreviation) Strong has paid a sum of Rs. (abbreviation) 5,678.(Decimal point)50 by online payment through hdfcbank.(dot)com. (full stop)”

इससे शब्दबोध में काफी परेशानी होती है। और CAT(Computer Aided Translation) हेतु वाक्यखण्ड बनाने के दौरान गलत स्थान पर वाक्य विच्छेद हो जाता है।

अंग्रेजी के फुलस्टॉप (.) period का प्रयोग अनेक अर्थों में होता है

(1) Fullstop या वाक्यान्त(U002E)

(2) संक्षिप्ति चिह्न abbreviation

(3) .(DOT) वेबसाइट पतों तथा ईमेल मे विशेष पहचान हेतु

(4) Math में multiply के लिए ( 2.2=4) (5) Rs.1234.50 Decimal point के रूप में

(6) paragraph end के लिए

अन्य प्रयोग और भी हैं.... यथा dotted line के लिए......

अतः पूर्णविराम के स्थान पर फुलस्टॉप का प्रयोग करना सर्वथा गलत है...
-- अनजाने में भयंकर समस्या पैदा करना है
-- तकनीकी रूप से अवैज्ञानिक है।

इसके विपरीत हिन्दी (देवनागरी) यूनीकोड में

(1) वाक्य-अन्त हेतु पूर्णविराम/दण्ड (। - U0964) निर्धारित है।

(2) पैराग्राफ-अन्त(छन्द) हेतु डबल-दण्ड (॥ - U0965) निर्धारित है, जिसका सामान्यता कविता/पद्य में तुकबन्दी के अन्त में (पैरा के अन्त में होता है।), किन्तु हरेक पैराग्राफ के अन्त में डबल दण्ड टाइप किया जाए तो पाठ अधिक वैज्ञानिक और तकनीकी रूप से परिशुद्ध होगा।

(3) संक्षिप्ति हेतु (॰ – U0966) को निर्धारित किया गया है। सामान्यतया लोग गलती से फुलस्टाप का ही प्रयोग करते हैं, "ए.बी.सिंह" लिखना गलत है, "ए॰बी॰सिंह" लिखना सही है।

(4) दशमलव चिह्न के लिए middle Dot (U00B7) का प्रयोग किया जाना चाहिए जो Numeriacl Key pad में Del key के ऊपर है। जबकि Full stop के लिए सिर्फ (U002E) कोड निर्धारित है।

अतः प्रचलित सामान्य अंग्रेजी से हिन्दी में मशीनी अनुवाद काफी कठिन हो जाता है, जबकि हिन्दी से अंग्रेजी अनुवाद अपेक्षाकृत रूप से काफी सरल होता है।
अतः लोगों को यह जानकारी देना बहुत जरूरी है कि अन्तर्राष्ट्रीय मंच पर आज हिन्दी पहुँच गई है।

अतः प्रयोग में यथासम्भव सही वर्णों व चिह्नों का प्रयोग करें।

सन्दर्भ :
(1) श्री सुयश सुप्रभ जी का आलेख
(2) हिन्दी वर्तनी शोधक (spell-checker) विकासकर्ताओं के लिए कुछ सूत्र

6 comments:

संजय बेंगाणी said...

पहली बात यह की आपकी बात पूर्णतः सही है.


दुसरी बात "." का प्रयोग एक सुधार के रूप में शुरू हुआ है. अगर अंग्रेजी के साथ समस्या नहीं तो हिन्दी के साथ कैसे आएगी?


अगर "।" अलग से हिन्दी में तो यह इसकी समृद्धि है, उपयोग में लाया जाना चाहिए.

Anonymous said...

मैं आपकी बात और तथ्‍यों से पूरी तरह से सहमत हूं। वैसे भी . डॉट का प्रयोग चुभोने के लिए भी होता है. यह चुभोना अंग्रेजी के लिए तो सही है, पर हिन्‍दी के लिए अवैज्ञानिक तो है ही, नैतिक नजरिये से भी उचित नहीं है।
अंग्रेजी में अंग्रेजी को अंग्रेजों को . चुभोते रहिये. पर हिन्‍दी तो आपकी अपनी आत्‍मा है, उसे मत चुभाइये। वहां पर तो पूर्णविराम ही लगाइये, जैसे मैं लगा रहा हूं।
- अविनाश वाचस्‍पति

आनंद said...

हरीराम जी, अनेक नई जानकारियाँ मिलीं। धन्‍यवाद। ताज्‍जुब है कि आपकी अधिकांश चिंताएँ अक्षरश: अन्‍य साथी की पूर्वप्रकाशित चिंताओं से अक्षरश: मिलती है। आपने इसे दूसरे फोरम में उठाया है, यह प्रशंसनीय है, परंतु इसमें उन साथी का नाम/संदर्भ तो होना ही चाहिए था।

हरिराम said...

@ आनन्द
सुयश जी ने मुझसे ईमेल पर अनुमति लेकर उक्त आलेख में मेरे कथन को उद्धृत किया था। आपकी सलाह अनुसार सन्दर्भ जोड़ दिया है। कृपया फिर से पढ़ें।

हरिराम said...

@ संजय बेंगाणी
अंग्रेजी में भी Dot (.) के बहुरूपी प्रयोग के कारण अनेक लाईलाज समस्याएँ होतीं हैं। आप अंग्रेजी से किसी भी अन्य भाषा में अनुवाद हेतु किसी सहायक सॉफ्टवेयर (Computer Aided Translation Tool) का उपयोग करके देखें, तो स्वयं अनुभव कर लेंगे।

अभिषेक अवतंस said...

हरिराम जी
आपके ब्लाग की जितनी प्रसंशा की जाए, कम होगी। फिर भी मेरी शुभकामनाओं को स्वीकारें। technical-hindi@googlegroups.com पर भी लगातार आपको पढ़ता रहा हूँ।
लगे रहें। जय भारत प्रगत भारत।
आपका
अभिषेक अवतंस
आगरा