15 May 2012

एडोबे ईनडिजाइन सीएस-6 में भारतीय लिपियों का समर्थन

Indic Support in InDesign CS6
एडोबे ईनडिजाइन सीएस-6 में भारतीय लिपियों का समर्थन

भारतीय प्रकाशन उद्योग के लिए खुशी की खबर है कि उनकी बहु-प्रतीक्षित आवश्यकता पूरी हो रही है। विश्व में सबसे लोकप्रिय प्री-प्रेस डिजाइन-पैकेज Adobe InDesign CS6 में भारतीय लिपियों के समर्थन की घोषणा की गई है।

इसके वर्ल्ड रेडी कम्पोजर (WRC) के द्वारा 10 भारतीय भाषाओं (हिन्दी, मराठी, गुजराती, तमिल, पंजाबी, बंगला, तेलगु, ओड़िआ, मलयालम एवं कन्नड़) में पाठ के सही रूप में शब्द-संयोजन को प्रकट करने का सामर्थ्य हासिल हो गया है।

देवनागरी फोंट समुदाय में Hunspell के माध्यम से वर्तनीशोधक (spell cheking) और शब्द-जोड़ी-विभाजक (Hyphenation) की सुविधा भी प्रदान कर दी गई है।

भारतीय लिपियों में काम करने की सुविधाओं को सुस्थापित या डिफॉल्ट रूप में सेट करने के लिए एक प्रोग्राम भी प्राथमिकताओं (Preferences) में दे दिया गया है। साथ ही इसमें अन्य सॉफ्टवेयरों में सम्पादित पाठ को आयात (Import) करने की सुविधा भी प्रदान की गई है।

यदि किसी फोंट में कोई विशेष संयुक्ताक्षर का ग्लीफ उपलब्ध न हो तो इसकी चेतावनी भी स्वचालित रूप से प्रकट हो जाती है।

हालांकि अभी फोटोशॉप और इल्यूस्ट्रेटर सीएस-6 (Photoshop & Illustrator CS6) आदि में युनिकोडित भारतीय लिपियों के समर्थन की कोई घोषणा नहीं हुई है।

एडोबे क्रीएटिव श्यूट मुख्यतः मीडिया, प्रकाशन और मनोरंजन उद्योग के पेशेवर महारथियों को ध्यान में रखकर बनाया गया है, जो मुख्यतः चार पैकेजों में उपलब्ध है- मास्टर कलेक्शन (रु. 1.56 लाख), डिजाइन एवं वेब प्रीमियम और प्रोडक्शन प्रीमियम (रु. 1.14 लाख) और डिजाइन स्टैण्डर्ड (रु. 78,288). ये उत्पाद इनके इन्स्टालेशन के बाद ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करने के बाद ही कार्यक्षम होने के शर्ताधीन होंगे।

ये मूल्य भारतीय छोटे प्रेस तथा अखबारों के लिए अत्यन्त भारी लग रहे हैं। फिर भी यह एक अच्छी खबर है भारतीय प्रकाशन उद्योग के लिए। युनिकोड में कार्य करना अधिकांश लोगों के लिए सरल हो जाएगा। विशेषकर अखबारों को दोहरा कार्य नहीं करना पड़ेगा- ऑनलाइन वेब संस्करण के लिए युनिकोड में और मुद्रित अखबार के लिए पुराने 8-बिट ASCII आधारित ttf फोंट में।

फोंट कनवर्टरों का बारम्बार उपयोग तथा तत्संबंधी समस्याओं का निराकरण काफी हद तक हो जाएगा।

एडोबे सीस्टम्स के दक्षिण एशिया के प्रबन्ध-निदेशक श्री उमंग बेदी ने पत्रकारों को बताया कि फिक्की-केपीएमजी की एक रिपोर्ट के अनुसार सन् 2016 तक भारतीय मीडिया तथा मनोरंजन उद्योग का कारोबार 1457 अरब रुपये तक पहुँचने की आशा है। अतः उन्हें अपने ऐसे उत्पादों की भारतीय बाजार में बिक्री से हजारों करोड़ रुपये का लाभ होने की उम्मीद है।

सन्दर्भ : http://www.thehindu.com/sci-tech/article3349487.ece