15 Feb 2008

पेड़ लगाना भी अपराध है?

पेड़ लगाना भी अपराध है?
Planting a tree is also a crime?

आश्चर्य की बात है कि भारत में पेड़ काटना नहीं, बल्कि एक पेड़ लगाना अपराध है।
भारतीय दण्ड विधान की धारा के अन्तर्गत भले ही पेड़ काटने को गम्भीर अपराध माना जाता है, फिर भी गरीब आम जनता ही नहीं, सरकारी संस्थान, ठेकेदार और राजनेता मिलकर धड़ल्ले से पेड़ काट/उखाड़ कर लड़कियाँ बेच मिल बाँट खा-पी डालते हैं, उनपर कोई कार्रवाई नहीं होती। लेकिन यदि कोई व्यक्ति सड़क के किनारे ऐसे स्थान पर भी एक पेड़ लगा दे, जहाँ किसी को कोई समस्या न आए, तो भी यह एक अपराध माना जाता है। भले ही उसका उद्देश्य इतना ही हो कि शीत-ताप से रक्षा के लिए राहगीरों को थोड़ी-सी छाया उपलब्ध हो या प्रदूषण से मुक्ति के लिए यह पेड़ कार्बन-डाई-ऑक्साइड को सोख कर ऑक्सीजन प्रदान करे।

सड़क के किनारे पेड़ लगाने के लिए भी नियम/कानूनों के अनुसार नगरपालिका या नगर निगम की अनुमति लेनी पड़ती है। एक पेड़ लगाने के लिए भी बाकायदा आवेदन करना पड़ता है, महीनों तक नगर पालिका के चक्कर काटने पड़ते हैं। घूस देनी पड़ती है, फिर अनेकानेक जाँच-पड़ताल, अनेकानेक प्रक्रियाओं, औपचारिकताओं के बाद कहीं एक पेड़ उगाने की अनुमति मिल पाती है।

इस सन्दर्भ में कई प्रश्न उठते हैं कि क्या ये नियम पर्यावरण संरक्षण या पारिस्थितिकी विकास के लिए भयंकर बाधक नहीं? क्या इन नियमों, प्रक्रियाओं को सरल नहीं बनाया जा सकता? क्या किसी व्यक्ति को आवेदन करने पर पेड़ लगाने की अनुमति उसे घर बैठे नहीं मिल सकती? क्या तुक है ऐसे कठोर नियम-कानून बनाने की? क्या यह मानवता के विरोधी नहीं हैं?

उल्लेखनीय है कि पेड़ केवल गर्मी से ही रक्षा नहीं करते, बल्कि शीतलकाल में ठण्ड कम करने में भी मदद करते हैं। सम-शीतोष्ण जलवायु को संतुलित करते हैं।

वैज्ञानिकों के अनुसार, हाल ही, में जो संसार भर में शीत लहर का प्रकोप हुआ, जिसे अखबारों ने फिर से हिमयुग की शुरूआत बताया, जिस ग्लोबल वार्मिंग तथा जलवायु परिवर्तन के भयंकर खतरों से आज विश्व गुजर रहा है, उनके कारणों में से एक प्रमुख कारण है, बड़े वृक्षों की भीषण हानि, अन्धाधुन्ध बनों की कटाई।

अतः आज जरूरत है वृक्षारोपण, वृक्षों के संरक्षण, वृक्षों की सिंचाई और सुरक्षा के लिए हर प्रकार का प्रोत्साहन देने की। अधिकाधिक लोगों को इस कार्य के लिए प्रेरित करने की। काश कि आम जनता, पर्यावरणविद्, पर्यावरण-प्रेमी मिल कर इस धरती को बचाने के लिए वृक्षारोपण हेतु अनुमति पाने के लिए नगरपालिका के चक्कर काटने के इन नियमों को संशोधित करवाने के लिए मिल कर आन्दोलन करें।

5 comments:

Sanjay Karere said...

बहुत ही सही बात कही है आपने. पेड़ लगाने के लिए ऐसे नियम होना एक विडंबना है. सही मुद्दे पर ध्‍यान आकर्षित करने के लिए साधुवाद.

ललित said...

वृक्षारोपण को प्रोत्साहित करना इस धरती को बचाने के लिए जरूरी है, तत्ससंबन्धी नियमों सरल बनाने के लिए जनआन्दोलन करना होगा। इस सर्वजनोपयोगी सन्देश को फैलाने हेतु आपको धन्यवाद।

रवीन्द्र प्रभात said...

आपने सही मुद्दे उठाये हैं !

naresh singh said...

आपकी बात १००% सही है,समाज हित का कोई भी कार्य करने में सरकारी कायदे कानून कितने अडंगें डालते है यह तो भुक्त भोगी ही जानता है। क्षमा चाहुगां लकडीयां शब्द की जगह लड्कीयां शब्द लिखा गया है।

naresh singh said...

आपके द्वारा दी गयी जानकारी ज्ञानवर्धक है । कहावत है होम करते हाथ जले ।